Flower Shayari in Hindi | Other Shayari | Flower Poem in Hindi

खिलते फूलो पर भौरे भी मडराने लगते है ,

उस फूल के रस लेकर कही और जाने लगते है,

छोट – छोट प्रयास  चीनी से भी मीठा शहद ,

बना लेते है |  

Flower Poem

khilate phoolo par bhaure bhee madaraane lagate hai , 

us phool ke ras lekar kahee aur jaane lagate hai, 

chhot – chhot prayaas cheenee se bhee meetha shahad , 

bana lete hai


Subah  Surja ke nilte hi,

Khilte Fool Taje Taje,

Mah Utha Foolo ka Bagicha,

Jo Gaya Un Baag me,

Wh bhi Foolo ki Mh le,

Ghar Waya Aaya,

Baure ho , Yaa Panchhi ho,

Ab Foolo ke baag me Hi,

Apna Dera banane Lage hai,

सुबh सुरज के निकलते ही,

खिलते फूल ताज़े ताज़े,

महक उठा फूलो का बगीचा,

जो गया उन बाग में,

वो भी फूलो की मह ले,

घर वापसी ले आया,

भौरे हो, या पंछी हो,

अब फूलो के बाग में हाय,

अपना डेरा बनाने लगे हैं,


I was waiting for the night in my thoughts,

At that moment there was little sleep, more chat was happening

ख्यालो में रात का इंतजार हो रहा था,

उस पल नींद  कम ही , चैट ज्यादा हो रहा था 


बेवजहा क्यों उनकी याद आने लगी है,

सपनो में उस पल की याद दिलाने लगी है 

Why is he being remembered unnecessarily,

Reminds me of that moment in dreams


उस आँखो को देखा तो देखते रह गए,

उसे ब्लैक होल के आकर्षण में खो गए 

When I saw those eyes, I kept seeing,

got lost in the charm of the black hole


जिस तरह चाँदनी रातो का पहर गहरा होता है,

उस तरह तेरी आँखो का रंग सुनहरा होता है ,

As the watch of moonlit nights deepens,

In that way the color of your eyes is golden,


अपनी खूबसूरती को कब तक सम्हाल कर रखोगे

एक दिन तो एक दिन तो खाक होना ही है,

How long will you keep your beauty

One day, one day it is bound to be ruined,


जीवन का दौर कुछ ऐसा है,

परिवार से लगाव कम ,

बाहर इश्क ज्यादा है|

The phase of life is such,

less attachment to family,

There is more love outside.


उस सपने की चाह में 

अब खुद में ही खूब बदलाव आने लगा है |

हमारे ही बारे में बारे लोगो में बड़ सी गयी है ,

Now a lot has changed in itself,

Somewhere in my own life has stopped,

About us has grown up in the people,


फूल हूँ गुलाब का ,

आशिको के काम मै आता हूँ | 

जीवन है प्यारा ,

एक यार को दूसरे यार को मिलता हूँ | 


उसने इंकार कर दिया ,

इस गुलाब  फूल को न थाम के | 


फूल हूँ गुलाब का ,

देखने में प्यारा,

और सुन्दर हूँ ,

अच्छा महकता भी , 

पर मेरी टहनी काटो की है | 


फूलो का भी सम्मान करो भाई ,

किसी के गले में तो किसी के पाव के तले आते है,

पर अपनी महक कभी कम नहीं करते है ,

भगवान और इंसान सभी के काम में आते है | 


आपके होठो पर मुस्कान ,

महकते गुलाब के जैसे | 


जहा भी जाते है ,

अपनी महक छोड़ जाते है ,

ख़ुशी हो या गम सभी काम में ,

काम आते है |


महकते वही है जो हर पल को सहते जाते है ,


 सिलसिला जीवन का चलता जा रहा है,

जीवन हर रोज कुछ न कुछ बदलता जा रहा है | 

हालात ने हमे इस कदर खड़ा कर दिया है ,

महकते ज्यादा है पर खिलते कम है | | 


जीवन एक रहस्य की तरह है ,

हर फल जा जीवन फूलो से सुरु हुआ है | 


FLOWER SHAYARI

ओ गुड़हल , हम गुलाब थे,

जैसे ही तेज हवा चली ओ निखरते गए ,

हम बिखरते गए |

पर उनकी महक वही की रह गयी,

हम बिखरे इस कदर की ,

जिस जिस ओर गए ,

हर ओर apni महक failate गए | 


 

 

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